प्याज की कीमतों (Onion Prices in India) में पिछले सप्ताह से जो उछाल आना जो शुरू हुआ था वह इस सप्ताह भी जारी है. हालांकि, त्योहारी सीजन (Festive Season) में कोई भी सब्जी (Vegetable) सस्ती नहीं हैं, लेकिन प्याज ने कुछ ज्यादा ही नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं. दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई शहरों में प्याज की कीमतों ने 100 का आंकड़ा छू लिया है. माना जा रहा है कि दिवाली तक प्याज की कीमतें 200 का आंकड़ा भी छू लेगा. इसी तरह लहसुन, हरी मिर्च, फूल गोभी और मटर की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. बता दें कि प्याज की नई फसल दिवाली के बाद नवंबर के आखिरी सप्ताह में बाजार में आती है. ऐसे में दिवाली तक प्याज की कीमतों में उछाल जारी रहेंगे. इसके साथ ही उपभोक्ताओं को अन्य सब्जियों को भी बढ़ी हुई कीमतों पर ही खरीदना होगा.

पिछले हफ्ते के शुरुआत में थोक बाजार में प्याज की कीमतें 20 से 25 रुपये प्रति किलो और खुदरा बाजार में 30 से 35 रुपये प्रति किलो थी. लेकिन , अचानक ही प्याज की कीमतें चार दिनों में ही दोगुनी हो गई. ऐसा नहीं है कि प्याज की ही कीमतें बढ़ी हैं. लहसुन, टमाटर, लौकी, धनिया, घुइयां, पत्ता गोभी और अदरक के भाव भी बढ़े हैं. लेकिन, इन सब्जियों के दाम प्याज की तरह छलांग नहीं मारा है.

प्याज की कीमतों में अचानक उछाल कैसी आई?
मार्केट एक्सपर्ट की मानें तो जमाखोरी की वजह से प्याज की कीमतों में उछाल आया है. हालांकि, प्याज की बढ़ती कीमतों में अंकुश लगाने के लिए प्रयास भी शुरू हो गए हैं. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार ने प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमत कम करने के लिए प्याज का न्यूनतम मूल्य 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन कर दिया है. एक और फैसले में केंद्र सरकार ने 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बाजार में प्याज बेचने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि 22 राज्यों में बफर स्टॉक से 1.7 लाख टन प्याज उतारा गया है. इससे आने वाले दिनों में कीमतें कम होंगी. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत अब 30 रुपये से बढ़ाकर 47 रुपये हो गई है.

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